बैठे हुए इस शोर में कुछ अकेलापन है । मुस्कुराते इन चेहरों में आंसुओं को छुपाता मेरा मन है । आज फिर लव्ज़ों का तूफ़ान सा उमड़ रहा है । बहते हुए इन लम्हों में मेरा मन ज़िंदा मर रहा है ! |
Sitting in this noise, I am alone
Smiling face all around me as I hide my tears
Words inside me are stirring up a storm
My heart dies as the time ticks away!
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