फिर वही शाम है
फिर वही प्रश्नों का समुन्दर
फिर उसी भवर में ज़िन्दगी
फिर वही जाम है
फिर वही अनचाहा सा जश्न
फिर उसी सन्नाटे में ज़िन्दगी
फिर वही चाँद है
फिर वही रात का बंजारापन
फिर उसी लम्हे को थामे ज़िन्दगी
फिर वही प्रश्नों का समुन्दर
फिर उसी भवर में ज़िन्दगी
फिर वही जाम है
फिर वही अनचाहा सा जश्न
फिर उसी सन्नाटे में ज़िन्दगी
फिर वही चाँद है
फिर वही रात का बंजारापन
फिर उसी लम्हे को थामे ज़िन्दगी
image source: liberatingchoices.com |
Phir vahi shaam hai
Phir vahi prashno ke samundar
Phir ussi bhavar mein zindagi
Phir vahi jaam hai
Phir vahi unchaha sa jashn
Phir ussi sannate mein zindagi
Phir vahi chaand hai
Phir vahi raat ka banjarapan
Phir ussi lamhe ko thaame zindagi
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